Dainik Athah

सीएम योगी का आर्थिक मैनेजमेंट, छोटे कारोबारियों ने भर दी सरकार की तिजोरी

पहली बार सरकार को पिछले साल जून माह की तुलना में इस साल जीएसटी कंपोजिट स्कीम में 360 और रेग्यूलर जीएसटी में 50 फीसदी का हुआ ईजाफा

ओवरआल जीएसटी कलेक्शन 102 फीसदी बढ़ा, इस साल जून माह तक कुल 25,916 करोड़ जीएसटी मिला, जबकि पिछले साल 13,341 करोड़ ही मिला था जीएसटी

प्रदेश में पेट्रोलियम उत्पाद और आॅटोमोबाइल की बिक्री टॉप पर, मोबिल, 2टी आयल, ल्यूब्रिकेंट्स और ग्रीस, पिछले साल की अपेक्षा इस साल जून तक करीब 50 फीसदी अधिक मिला जीएसटी

अथाह संवाददाता
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्थिक मैनेजमेंट का असर है कि छोटे कारोबारियों ने सरकार की तिजोरी भर दी है। प्रदेश में पहली बार सरकार को पिछले साल जून माह की तुलना में इस साल जीएसटी कंपोजिट स्कीम में 360 और रेग्यूलर जीएसटी में 50 फीसदी का ईजाफा हुआ है। इस दौरान ओवरआल जीएसटी कलेक्शन भी 102 फीसदी बढ़ा है और इस साल जून माह तक कुल 25,916 करोड़ रुपए जीएसटी मिला है। जबकि पिछले साल इस दौरान 13,341 करोड़ जीएसटी ही मिला था।

प्रदेश में जीएसटी कलेक्शन में टॉप टेन सेक्टर की बात करें, तो पेट्रोलियम उत्पादों (मोबिल, 2टी आयल, ल्यूब्रिकेंट्स और ग्रीस) की बिक्री में पिछले साल की अपेक्षा इस साल जून माह तक करीब 50 फीसदी का उछाल आया है। जबकि दूसरे नंबर पर पिछले साल की अपेक्षा आटोमोबाइल सेक्टर में करीब 43 फीसदी अधिक बिक्री हुई है। इसी प्रकार तीसरे नंबर पर आयरन और स्टील में साढ़े 41.50 और चौथे नंबर पर केमिकल में करीब 41 फीसदी की बढोतरी हुई है। पांचवें नंबर पर एफएमसीजी में 26, छठे पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स में करीब 25 फीसदी और सातवें पर बिल्डिंग मटैरियल में 21 फीसदी अधिक जीएसटी फाइल की गई है। आठवें नंबर पर मशीनरी और पार्ट्स में 16.37, नौवे नंबर पर सर्विस सेक्टर में दो फीसदी की उपलब्धि दर्ज की गई है। हालांकि अगर धनराशि के नजरिए से देखें, तो सर्विस सेक्टर प्रदेश में पहले पायदान पर है और सबसे अधिक 2433 डीलर जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं। सरकार को वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 1967.28 करोड़ का जीएसटी मिला था, जो अब दो फीसदी बढ़कर 2006.71 करोड़ रुपए हो गया है।

कोरोना कम होते ही फार्मा और मेडिकल उपकरणों में 6.35 फीसदी की कमी आई

सीएम योगी की आर्थिक नीतियों के कारण वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीएसटी में व्यापक पैमाने पर वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार को फार्मा और मेडिकल उपकरणों में पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 334.71 करोड़ का जीएसटी मिला था। इस दौरान वैश्विक महामारी कोरोना का प्रभाव अधिक होने के कारण इस सेक्टर में उछाल था, लेकिन वर्तमान वित्त वर्ष के पहले तिमाही में परिस्थितियां अनुकूल होने के कारण 6.35 फीसदी की कमी आई है और सरकार को 313.46 करोड़ रुपए का जीएसटी मिला है।

एक लाख से अधिक नए कारोबारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया

सीएम योगी ने हाल ही में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जीएसटी में पंजीयन के लिए व्यापारियों को जागरूक करें। छोटे कस्बों में गोष्ठियां करें। वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 26 लाख से अधिक है। अगले छह माह में इसे 30 लाख तक बढ़ाएं। सीएम योगी के लगातार निदेर्शों के कारण अप्रैल से जुलाई के बीच जीएसटी में 1,03,052 नए कारोबारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

यह है जीएसटी कंपोजिशन स्कीम

करदाताओं के लिए जीएसटी के तहत एक सरल और आसान योजना है। छोटे करदाता कारोबार की निश्चित दर पर जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं। इस योजना को किसी भी करदाता द्वारा चुना जा सकता है, जिसका कारोबार 1.5 करोड़ रुपए से कम है।

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